Tuesday 30 October 2012

प्यार मे

ज़िन्दगी हमको जाने कंहा 
ले के जाएगी 

ले जाएगी जहाँ भी, तेरी  
याद आएगी 

याद आएगी तेरी, दिल 
मेरा रोएगा 

रोएगा दिल और फ़िर से 
सपने संजोयेगा 

संजोयेगा सपने जबतक किसी 
और का हो न सकेगा  

चाह कर भी किसी और के लिए 
रो न सकेगा 

रोना जरुरी शर्त है मेरे यार ! 
प्यार में 

प्यार मे, सपने किसी और के संग
संजो न सकेगे 

तेरे हो चुके हम, अब किसी और के 
हो न सकेगे 

बडे प्यार से


उससे मिलने न जाता तो क्या करता 
मुझे बुलाया जो था उसने बडे प्यार से 

कैसे न उलझता मैं उसके जुल्फ के पेचों में  
मेरे सानो पे बिखेरे थे जुल्फ उसने बडे प्यार से 

सब थी खबर मुझको फ़िर भी सुनता रहा 
दिल का हाल सुनाया जो उसने बडे प्यार से  

मैं चाहती हु जिसे वो तुम नहीं कोई और है 
वो कहता रहा मै सुनता रहा बडे प्यार से 

निकाल के ले गया दिल मेरे सिने के अन्दर से  
खंज़र ले के बैठा था इंतजार में वो बडे प्यार से 

न आह निकली न उफ़ तक लबों पे आया मेरे 
मुझे मौत की नींद सुलाया उसने बडे प्यार से 



Saturday 6 October 2012

पापा


मैने अबतक बहुत सी कविता /शायरी पढ़ी हैं जिसमे माँ के बारे मे कहा और सुना गया है | लेकीन पापा के बारे मे बहुत कम | मैंने ये पंक्तियाँ Father Day के दिन लिखी थी , अबतक पोस्ट नहीं कर पाया था | आज पोस्ट कर रहा हू |


पापा ! मैं आज भी सो रहा होता ।
जो वक्त पे आपने मुझे जगाया न होता ।।

पापा ! मैं आज भी किसी के सहारे खड़ा होता ।
जो बचपन में चुपके से अपनी अंगुली छुडाया न होता ।।

पापा ! मैं आज भी सड़क किनारे खड़ा होता ।
जो भीड़ भरी बस में आपने मुझे ढकेल कर चढ़ाया न होता ।।