Thursday 28 August 2014

जलाना चाहता हू

मै खुद को जलाना चाहता हू .
दुनिया की भीर में खो जाना चाहता हू .
मुझे नफरत है आसुओ से,
हर किसी के ओठो पर
मुस्कराहट लाना चाहता हू .

मेरे ओठो पर मुसकुराहट हो न हो
किसी और के ओठो की
मुस्कराहट
बन जाना चाहता हू .

मेरी चाहत कभी तो
हकीकत बनेगी ,
डूब कर ही सही
गम के हर दरिया के पार
जाना चाहता हू .

मेरी छोटी सी चाहत ही
मेरी जिंदगी है ,
मैं जिंदगी को जी भर के
जी लेना चाहता हू .

इस राह मे फिर मुझे
गम मिले या आसू ,
कोई परवाह नहीं .
हर गम और आसू को
पी जाना चाहता हू .

मै खुद को जलाना चाहता हू .
दुनिया की भीर में खो जाना चाहता हू .
मुझे नफरत है आसुओ से
हर किसी के ओठो पर
मुस्कराहट लाना चाहता हू .

Thursday 7 August 2014

उसे मुझसे प्यार था

उसे मुझसे प्यार था |
मुझे उससे प्यार था |
इस प्यार पर हमे
बड़ा एतवार था |

इसी एतवार पर मैं 
जिन्दगी जी रहा था |
जी रहा था इस तरह
की बस उसका इंतजार हो
इंतजार -इंतजार अब तो
सिर्फ इंतजार था |

'इंतजार' से मुझे फिर
जाने कब प्यार हो गया |
हो गया जो प्यार तो
मुझे जीना आ गया |

जिन्दगी का फलसफा
मुझे प्यार ने सिखा दिया |
जीने का रास्ता भी
उसी प्यार ने दिखा दिया |

जी रहा हूँ मैं , की मुझे
प्यार के इंतजार है |
अपने प्यार पर मुझे
आज भी एतवार है |


Sunday 3 August 2014

करो तो करो

मेरे प्यार पर एतबार तुम करो तो करो |
तुम्हारे पास है हुस्न तुम नाज करो तो करो ||

तुम कहो न कहो सफ़र में तुम्हारे साथ रहेगे |
मेरी मौजूदगी पर एतराज तुम करो तो करो ||

तुम मेरी हो के रहोगी एक-न-एक दिन
यकीन है मुझे यकीन तुम करो तो करो ||

मेरी हर दस्तक पर दरवाजा बंद कर देने वाले,
प्यार करेगे हम, नफ़रत तुम करो तो करो ||

इंकार करते-करते, प्यार का इजहार हो जाएगा |
इंतजार करेगा “चन्दन” इंकार तुम करो तो करो ||