Sunday 22 June 2014

सिर्फ आँखों में रहा

सिर्फ आँखों में रहा कभी दिल में उतर कर नहीं देखा.
आइना सामने था मगर  कभी संवर कर नहीं देखा .

हम तरसते रहेतरपते रहे जिस प्यार को ताउम्र.
वो मेरे सामने था मैंने हाथ बढ़ा कर नहीं देखा.

सब दीवाने है यहाँ तेरी झील सी गहरी आँखों के,
डूब जाने के डर से मैने कभी उस ओर नहीं देखा .

सब देखते है ख्वाब की तेरा साथ हो उम्र भर, 
टूट जाने के डर से मैंने कभी ख्वाब नहीं देखा. 

शायद तुम्हारे दिल में भी हो मुहब्बत हमारे लिए.
आज से पहले कभी 'चन्दनसोच कर नहीं देखा .