Tuesday 26 February 2013

तेरे प्यार में हूँ

तुझसे मिला हूँ जबसे, जाने
किस मजधार में हूँ |
सोचकर लगता है जैसे मैं
तेरे प्यार में हूँ |

हर वक्त रहता है तेरा चेहरा
मेरे आस-पास,
तेरी याद के समंदर में डूबा हुआ
जाने किस गहराई में हूँ |


सोचकर लगता है जैसे मैं
तेरे प्यार में हूँ |

हर वक्त है वास्ता मेरा 
दुनिया की भीड़ से,
मगर इस दुनिया की भीड़ में भी
मै तन्हाई में हूँ |

सोचकर लगता है जैसे मैं
तेरे प्यार में हूँ |

हर वक्त लगता है जैसे तु मेरे पास है 
मुझे देख रहा है,
मै कही भी रहू लगता है जैसे 
मै तेरे ही साये में हूँ |

सोचकर लगता है जैसे मैं
तेरे प्यार में हूँ |

Friday 22 February 2013

जिन्दगी


उसे मुझसे प्यार था,
मुझे उससे प्यार था |
इस प्यार पर हमे
बड़ा एतवार था |

इसी एतवार पर मै
जिन्दगी को जी रहा था |

मगर जी रहा था इस तरह
की मरने का इंतजार हो |
इंतजार-इंतजार अब तो
सिर्फ इंतजार था ...

इंतजार से मुझे फिर
जाने कब प्यार हो गया |
हो गया जो प्यार तो
मुझे जीना आ गया |

जिन्दगी का फलसफा
मुझे प्यार ने सिखा दिया |

प्यार ही तो जिन्दगी है,
जिन्दगी ही प्यार है |
प्यार के लिए ही यारो
ये जिन्दगी तमाम है |

दस्तक


उन्होने इस दिल पर, फिर से दी है दस्तक
जाने क्या सोचकर, सोचता है दिल अपना |

वो बदहवासी में जाने क्या-क्या कह रहे थे,
उनकी जुबा पे रख दिया हमने हाथ अपना |

उनकी हर खता भुल के हमने रखा बस इतना याद
रह-ए-उल्फत में वो माग रहे थे फिर से साथ अपना |

मेरे लिए इंकार की कोई सूरत ही न थी यारो की 
मिल गया था फिर से मुझको कोई खास अपना |

लुट चुकी थी मुहब्बत की दुनिया मेरी
टूट चूका था यारो हर ख्वाब अपना |

वो लौट आए मेरी तनहा जिन्दगी में फिर से तो
तिनका-तिनका जोरकर संजोया हमने ख्वाब अपना | 

Monday 4 February 2013

कुछ तो बात है



तेरी पहली नजर का
असर कुछ ऐसा हुआ है .......

मेरी निगाहों से हटता नहीं
तेरा चेहरा ,
तेरे चेहरे में कुछ तो बात है |

 जबसे मिला हू तुझसे
सभाले नहीं संभलते
दिल के जज्बात ,
तेरी बातों में कुछ तो बात है |

 बिना कहे जाने क्या-क्या
कह जाती है
निगाहे तेरी ,
तेरी निगाहों में कुछ तो बात है |

 तेरी हर अदा का कायल हू ,
तेरी हर अदा से घायल हू ,
भूले नहीं भूलता
तेरी अदाओं को मैं
तेरी अदाओं में कुछ तो बात है |

 तेरी पहली नजर का
असर कुछ ऐसा हुआ है .......

मेरी निगाहों से हटता नहीं
तेरा चेहरा ,
तेरे चेहरे में कुछ तो बात है |

झुकी-झुकी सी


झुकी-झुकी सी रहती थी निगाहें तेरी,
आज उठी तो कई सवाल कर गई |

अबतक रहता था निगाहों में चेहरा तेरा,
आज दिल में उतर कर दिल का
बुरा हाल कर गई |

तेरी निगाहों का मैं तो यु ही कायल हूँ |
मगर आज तेरी निगाहे कातिलाना हुई,
मेरे दिल का कत्त्ल कर गई |

आज न जाने देगे तुम्हें
मेरा कुछ तो इंतजाम करो |
अरे ! झूठा ही सही कम से कम
प्यार का इजहार करो |