Saturday 18 October 2014

मुस्कुराते हुए लगती हो कितनी हसीन

मुस्कुराते हुए लगती हो कितनी हसीन, है तुझको खबर क्या |
तेरी पहली नजर का हुआ है कैसा असर, है तुझको खबर क्या ||

तेरे नाम से ही उमरने लगते है मेरे दिल में ज़ज्बात यु ही |
संभाले नहीं संभलते दिल के ज़ज्बात, है तुझको खबर क्या ||

तुझसे मिलकर जाना की ये जिंदगी है कितनी हसीन |
मेरी जिंदगी में हो गई हो सामिल, है तुझको खबर क्या ||

तेरे साथ देख डालें है कितने ही हसीन ख़वाब हमने |
मेरे ख्वाबों की सहजादी हो तुम, है तुझको खबर क्या ||


तेरे ही ख्यालों में खोया रहता हु दिन-रात आजकल |
तेरे नाम से बदनाम है 'चन्दन', है तुझको खबर क्या ||

Thursday 28 August 2014

जलाना चाहता हू

मै खुद को जलाना चाहता हू .
दुनिया की भीर में खो जाना चाहता हू .
मुझे नफरत है आसुओ से,
हर किसी के ओठो पर
मुस्कराहट लाना चाहता हू .

मेरे ओठो पर मुसकुराहट हो न हो
किसी और के ओठो की
मुस्कराहट
बन जाना चाहता हू .

मेरी चाहत कभी तो
हकीकत बनेगी ,
डूब कर ही सही
गम के हर दरिया के पार
जाना चाहता हू .

मेरी छोटी सी चाहत ही
मेरी जिंदगी है ,
मैं जिंदगी को जी भर के
जी लेना चाहता हू .

इस राह मे फिर मुझे
गम मिले या आसू ,
कोई परवाह नहीं .
हर गम और आसू को
पी जाना चाहता हू .

मै खुद को जलाना चाहता हू .
दुनिया की भीर में खो जाना चाहता हू .
मुझे नफरत है आसुओ से
हर किसी के ओठो पर
मुस्कराहट लाना चाहता हू .

Thursday 7 August 2014

उसे मुझसे प्यार था

उसे मुझसे प्यार था |
मुझे उससे प्यार था |
इस प्यार पर हमे
बड़ा एतवार था |

इसी एतवार पर मैं 
जिन्दगी जी रहा था |
जी रहा था इस तरह
की बस उसका इंतजार हो
इंतजार -इंतजार अब तो
सिर्फ इंतजार था |

'इंतजार' से मुझे फिर
जाने कब प्यार हो गया |
हो गया जो प्यार तो
मुझे जीना आ गया |

जिन्दगी का फलसफा
मुझे प्यार ने सिखा दिया |
जीने का रास्ता भी
उसी प्यार ने दिखा दिया |

जी रहा हूँ मैं , की मुझे
प्यार के इंतजार है |
अपने प्यार पर मुझे
आज भी एतवार है |


Sunday 3 August 2014

करो तो करो

मेरे प्यार पर एतबार तुम करो तो करो |
तुम्हारे पास है हुस्न तुम नाज करो तो करो ||

तुम कहो न कहो सफ़र में तुम्हारे साथ रहेगे |
मेरी मौजूदगी पर एतराज तुम करो तो करो ||

तुम मेरी हो के रहोगी एक-न-एक दिन
यकीन है मुझे यकीन तुम करो तो करो ||

मेरी हर दस्तक पर दरवाजा बंद कर देने वाले,
प्यार करेगे हम, नफ़रत तुम करो तो करो ||

इंकार करते-करते, प्यार का इजहार हो जाएगा |
इंतजार करेगा “चन्दन” इंकार तुम करो तो करो || 

Sunday 22 June 2014

सिर्फ आँखों में रहा

सिर्फ आँखों में रहा कभी दिल में उतर कर नहीं देखा.
आइना सामने था मगर  कभी संवर कर नहीं देखा .

हम तरसते रहेतरपते रहे जिस प्यार को ताउम्र.
वो मेरे सामने था मैंने हाथ बढ़ा कर नहीं देखा.

सब दीवाने है यहाँ तेरी झील सी गहरी आँखों के,
डूब जाने के डर से मैने कभी उस ओर नहीं देखा .

सब देखते है ख्वाब की तेरा साथ हो उम्र भर, 
टूट जाने के डर से मैंने कभी ख्वाब नहीं देखा. 

शायद तुम्हारे दिल में भी हो मुहब्बत हमारे लिए.
आज से पहले कभी 'चन्दनसोच कर नहीं देखा .

Sunday 27 April 2014

आइना देख-देख कर

आज संवरते हो आइना देख-देख कर |
कल डरोगे तुम आइना देख-देख कर ||

ये खुबसुरत चेहरा तेरा कल नहीं होगा |
कल बरसेगीं आंखे आइना देख-देख कर ||

आज आइना तुम्हे पसंद , आईने को तुम |
कल खुद से नफ़रत होगी आइना देख-देख कर ||

जो देते है दुहाई सूरत की नहीं सीरत की |
कभी वो भी खुश हुए थे आइना देख-देख कर ||

चेहरे की भीड़ में खो जाता है खुद का चेहरा |
पहचानता है 'चन्दन' खुद को आइना देख-देख कर ||

Saturday 11 January 2014

जबसे मिला हु तुझसे

जबसे मिला हु तुझसे                                                                 
फलसफे जिंदगी के बदलने लगे है |

तुमने दखे थे जो ख़वाब
वो मेरी आँखों मे ढलने लगे है |
कोई वादा नहीं हमारा मगर
बिछर जाने के ख्याल से दहलने लगे है |
जबसे मिला हु तुझसे
फलसफे जिंदगी के बदलने लगे है |

इश्क पे य़की था मगर
आजकल  इश्क मे हम जलने लगे है |
खुद से जादा  तुझपे य़की है
तारे साथ जाने किन रहो पे चलने लगे है |
जबसे मिला हु तुझसे                                                                 
फलसफे जिंदगी के बदलने लगे है |