उसे
मुझसे प्यार था |
मुझे
उससे प्यार था |
इस प्यार पर
हमे
बड़ा एतवार था
|
इसी एतवार पर
मैं
जिन्दगी जी
रहा था |
जी रहा था इस
तरह
की बस उसका
इंतजार हो
इंतजार
-इंतजार अब तो
सिर्फ इंतजार
था |
'इंतजार' से
मुझे फिर
जाने कब प्यार
हो गया |
हो गया जो
प्यार तो
मुझे जीना आ
गया |
जिन्दगी का
फलसफा
मुझे प्यार ने
सिखा दिया |
जीने का
रास्ता भी
उसी प्यार ने
दिखा दिया |
जी रहा हूँ
मैं , की मुझे
प्यार के
इंतजार है |
अपने प्यार पर
मुझे
आज भी एतवार
है |
Agralikhit bato se mujhe lagta hai, ke Pyar bara Praya hota hai ... aur ghum phir ke Pyar ho he jata hai, chahe wo intejar se he Q na ho...
ReplyDeleteमेरा मानना है की इंसान खुद से प्यार करे या दुसरों से , मगर वो प्यार के बिना जीवित नहीं रह सकता | अगर आपको जीवन का भरपूर मजा लेना है तो कुछ मत कीजिए ................. बस प्यार कीजिए | खुद से प्यार कीजिये , दुसरो से प्यार कीजिये , जानवरों से प्यार कीजिये , फूलो से प्यार कीजिये ...............
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