Thursday 7 August 2014

उसे मुझसे प्यार था

उसे मुझसे प्यार था |
मुझे उससे प्यार था |
इस प्यार पर हमे
बड़ा एतवार था |

इसी एतवार पर मैं 
जिन्दगी जी रहा था |
जी रहा था इस तरह
की बस उसका इंतजार हो
इंतजार -इंतजार अब तो
सिर्फ इंतजार था |

'इंतजार' से मुझे फिर
जाने कब प्यार हो गया |
हो गया जो प्यार तो
मुझे जीना आ गया |

जिन्दगी का फलसफा
मुझे प्यार ने सिखा दिया |
जीने का रास्ता भी
उसी प्यार ने दिखा दिया |

जी रहा हूँ मैं , की मुझे
प्यार के इंतजार है |
अपने प्यार पर मुझे
आज भी एतवार है |


2 comments:

  1. Agralikhit bato se mujhe lagta hai, ke Pyar bara Praya hota hai ... aur ghum phir ke Pyar ho he jata hai, chahe wo intejar se he Q na ho...

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  2. मेरा मानना है की इंसान खुद से प्यार करे या दुसरों से , मगर वो प्यार के बिना जीवित नहीं रह सकता | अगर आपको जीवन का भरपूर मजा लेना है तो कुछ मत कीजिए ................. बस प्यार कीजिए | खुद से प्यार कीजिये , दुसरो से प्यार कीजिये , जानवरों से प्यार कीजिये , फूलो से प्यार कीजिये ...............

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