Sunday 27 April 2014

आइना देख-देख कर

आज संवरते हो आइना देख-देख कर |
कल डरोगे तुम आइना देख-देख कर ||

ये खुबसुरत चेहरा तेरा कल नहीं होगा |
कल बरसेगीं आंखे आइना देख-देख कर ||

आज आइना तुम्हे पसंद , आईने को तुम |
कल खुद से नफ़रत होगी आइना देख-देख कर ||

जो देते है दुहाई सूरत की नहीं सीरत की |
कभी वो भी खुश हुए थे आइना देख-देख कर ||

चेहरे की भीड़ में खो जाता है खुद का चेहरा |
पहचानता है 'चन्दन' खुद को आइना देख-देख कर ||