धक् से धड़क जाता है दिल आज भी |
जो मिलती है निगाहें तुमसे आज भी ||
तेरा चेहरा खिले गुलाब जैसा है आज भी |
तेरी आँखों में नशा शराब जैसा है आज भी ||
बार-बार तुझसे मिलने को दिल
चाहता है आज भी |
तुझे अपना बनाने को दिल चाहता है आज भी
इस दिल में है चाहत तुम्हारे लिए आज भी |
दे दू मै अपनी जान तुम्हारे लिए आज भी ||
मगर अफ़सोस ! इन ख्यालों से बेखबर हो तुम आज भी |
नहीं कर पाया है 'चन्दन'
मुहब्बत का इजहार आज भी ||