Thursday 7 November 2013

आज भी

धक् से धड़क जाता है दिल आज भी |
जो मिलती है निगाहें तुमसे आज भी ||

तेरा चेहरा खिले गुलाब जैसा है आज भी |
तेरी आँखों में नशा शराब जैसा है आज भी ||

बार-बार तुझसे मिलने को दिल चाहता है आज भी |
तुझे अपना बनाने को दिल चाहता है आज भी

इस दिल में है चाहत तुम्हारे लिए आज भी |
दे दू मै अपनी जान तुम्हारे लिए आज भी ||

मगर अफ़सोस ! इन ख्यालों से बेखबर हो तुम आज भी |
नहीं कर पाया है 'चन्दन' मुहब्बत का इजहार आज भी ||

Wednesday 6 November 2013

हुस्न उसका

हुस्न उसका ऐसा देखा , आसमा का चाँद था |
जाने कहाँ से आई थी वो , क्या जाने क्या नाम था ||

उसकी हर अदा , मेरी आँखों में समा गई |
नींद भी आई मुझे तो , वो ख्वाबों में आ गई ||
वो नशीली आंखें थी , या मैखाने का जाम था |
जाने कहाँ से आई थी वो , क्या जाने क्या नाम था ||

बुन रहा हूँ ख्वाब आजकल , उसके संग मै रात दिन |
कब मिलेगी कहाँ मिलेगी , सोचता हु रात दिन || 
सामने आई मेरे वो , जैसे बादलों में चाँद था |
जाने कहाँ से आई थी वो , क्या जाने क्या नाम था ||

मांगता हूँ रब से उसको , और कुछ फरियाद नहीं |
याद है बस चेहरा उसका , और कुछ भी याद नहीं ||
इक ताजमहल है पत्थर का , वो चलता-फिरता ताज था |
जाने कहाँ से आई थी वो , क्या जाने क्या नाम था ||

Tuesday 5 November 2013

मुहब्बतों मे

    मुहब्बतों में हमने खुद को कभी
    आजमाया नहीं है |
    दिल चाहता बहुत है मगर हमने
    किसीको बताया नहीं है ||

    दिल है नाजुक बड़ा, बस एक ठोकर
    से टूट जाएगा |
    इसलिए छुपा के रखा है दिल अपना
    किसीको दिखाया नहीं है ||

    जिसे देखकर दिल धडके, जिसे पाकर
    मुझे सुकुन मिले |
    कोई मंजर, कोई चेहरा ऐसा वक्त ने
    अबतक दिखाया नहीं है ||

    भटक रहा हुँ मैं, दर-दर की ठोकरे
    खा रहा हुँ |
    खुदा ने अबतक मुझे, मेरे महबुब से
    मिलाया नहीं है ||

वो नहीं आए

वादे वफ़ा के, शायद उनको नहीं भाए |
जिसका इंतजार था, महफिल में वो नहीं आए |

सोचा था मिलकर गायेगे तराने मुहब्बत के,
किसको सुनाये दर्द-ए-दिल, की वो नहीं आए |

सबको है खबर महफिल में, चर्चा सर-ए-आम है,
उनके नाम से हुए बदनाम, की वो नहीं आए |

बीज रिस्तो के

उसके साथ मिलकर देखा हर ख्वाब टुटा है,
भूलकर भी सपने किसीके संग संजोते नहीं है हम |

दर्द का दरिया कैद है सिने में, उमड़ आएगा,
किसीके कांधे पे सर रखके रोते नहीं है हम |

जब चाहा अपना कहा, जब चाहा पराया कर दिया
चाहकर भी बीज रिस्तो के बोते नहीं है हम |

Saturday 2 March 2013

मुहब्बत


जुबां के बगैर, कहना सिखाती है मुहब्बत,
दर्द में भी मुस्कुरान सिखाती है मुहब्बत,
यू तो बड़ी बेदर्द, बड़ी बेरहम है ये जिंदगी,
मगर इसे खुबसूरत बनती है मुहब्बत । 

मेरे-तेरे का फर्क मिटती है मुहब्बत,
अपना-पराया सब भूलती है मुहब्बत,
आँसू और दर्द से भरी इस दुनिया में
जिंदगी के फूल खिलाती है मुहब्बत । 

दिलों को दिलों से मिलाती है मुहब्बत,
सरहदों की दूरियां मिटती है मुहब्बत,
जाने कितने मिट गए इसे मिटने वाले,
हमारे दिलों में जिंदा रहती है मुबबबत । 

एक-दूजे के दिलो में रहना सिखाती है मुहब्बत,
खुद को खोकर कुछ पाना सिखाती है मुहब्बत,
खुद से ज्यादा किसी और की जिंदगी प्यारी लगे,
दिलो में ऐसे नाजुक जज्बात जगाती है मुहब्बत । 

Tuesday 26 February 2013

तेरे प्यार में हूँ

तुझसे मिला हूँ जबसे, जाने
किस मजधार में हूँ |
सोचकर लगता है जैसे मैं
तेरे प्यार में हूँ |

हर वक्त रहता है तेरा चेहरा
मेरे आस-पास,
तेरी याद के समंदर में डूबा हुआ
जाने किस गहराई में हूँ |


सोचकर लगता है जैसे मैं
तेरे प्यार में हूँ |

हर वक्त है वास्ता मेरा 
दुनिया की भीड़ से,
मगर इस दुनिया की भीड़ में भी
मै तन्हाई में हूँ |

सोचकर लगता है जैसे मैं
तेरे प्यार में हूँ |

हर वक्त लगता है जैसे तु मेरे पास है 
मुझे देख रहा है,
मै कही भी रहू लगता है जैसे 
मै तेरे ही साये में हूँ |

सोचकर लगता है जैसे मैं
तेरे प्यार में हूँ |

Friday 22 February 2013

जिन्दगी


उसे मुझसे प्यार था,
मुझे उससे प्यार था |
इस प्यार पर हमे
बड़ा एतवार था |

इसी एतवार पर मै
जिन्दगी को जी रहा था |

मगर जी रहा था इस तरह
की मरने का इंतजार हो |
इंतजार-इंतजार अब तो
सिर्फ इंतजार था ...

इंतजार से मुझे फिर
जाने कब प्यार हो गया |
हो गया जो प्यार तो
मुझे जीना आ गया |

जिन्दगी का फलसफा
मुझे प्यार ने सिखा दिया |

प्यार ही तो जिन्दगी है,
जिन्दगी ही प्यार है |
प्यार के लिए ही यारो
ये जिन्दगी तमाम है |

दस्तक


उन्होने इस दिल पर, फिर से दी है दस्तक
जाने क्या सोचकर, सोचता है दिल अपना |

वो बदहवासी में जाने क्या-क्या कह रहे थे,
उनकी जुबा पे रख दिया हमने हाथ अपना |

उनकी हर खता भुल के हमने रखा बस इतना याद
रह-ए-उल्फत में वो माग रहे थे फिर से साथ अपना |

मेरे लिए इंकार की कोई सूरत ही न थी यारो की 
मिल गया था फिर से मुझको कोई खास अपना |

लुट चुकी थी मुहब्बत की दुनिया मेरी
टूट चूका था यारो हर ख्वाब अपना |

वो लौट आए मेरी तनहा जिन्दगी में फिर से तो
तिनका-तिनका जोरकर संजोया हमने ख्वाब अपना | 

Monday 4 February 2013

कुछ तो बात है



तेरी पहली नजर का
असर कुछ ऐसा हुआ है .......

मेरी निगाहों से हटता नहीं
तेरा चेहरा ,
तेरे चेहरे में कुछ तो बात है |

 जबसे मिला हू तुझसे
सभाले नहीं संभलते
दिल के जज्बात ,
तेरी बातों में कुछ तो बात है |

 बिना कहे जाने क्या-क्या
कह जाती है
निगाहे तेरी ,
तेरी निगाहों में कुछ तो बात है |

 तेरी हर अदा का कायल हू ,
तेरी हर अदा से घायल हू ,
भूले नहीं भूलता
तेरी अदाओं को मैं
तेरी अदाओं में कुछ तो बात है |

 तेरी पहली नजर का
असर कुछ ऐसा हुआ है .......

मेरी निगाहों से हटता नहीं
तेरा चेहरा ,
तेरे चेहरे में कुछ तो बात है |

झुकी-झुकी सी


झुकी-झुकी सी रहती थी निगाहें तेरी,
आज उठी तो कई सवाल कर गई |

अबतक रहता था निगाहों में चेहरा तेरा,
आज दिल में उतर कर दिल का
बुरा हाल कर गई |

तेरी निगाहों का मैं तो यु ही कायल हूँ |
मगर आज तेरी निगाहे कातिलाना हुई,
मेरे दिल का कत्त्ल कर गई |

आज न जाने देगे तुम्हें
मेरा कुछ तो इंतजाम करो |
अरे ! झूठा ही सही कम से कम
प्यार का इजहार करो |

Tuesday 1 January 2013

नया साल

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इस बेरहम दुनिया से परे ,
अपनी एक दुनिया बचाए रखना |

जलते रहो शोलो में मगर ,
लबो पे मुस्कुराहट बचाए रखना |

टूटे होगे कई ख्वाब तेरे भी ,
मगर चंद ख्वाब बचाए रखना |

यूं तो अपनी तरह से जीने न 
देगी कभी ये दुनिया तुझको,
मगर जिंदगी जीने को 
कोई एक हसरत बचाए रखना |

जैसे चाहो वैसे गुजरेगा,
ये नया साल तुम्हारे लिए 
बदलते वक्त के साथ,
बस तुम कदम-ताल बनाए रखना |