Thursday 28 August 2014

जलाना चाहता हू

मै खुद को जलाना चाहता हू .
दुनिया की भीर में खो जाना चाहता हू .
मुझे नफरत है आसुओ से,
हर किसी के ओठो पर
मुस्कराहट लाना चाहता हू .

मेरे ओठो पर मुसकुराहट हो न हो
किसी और के ओठो की
मुस्कराहट
बन जाना चाहता हू .

मेरी चाहत कभी तो
हकीकत बनेगी ,
डूब कर ही सही
गम के हर दरिया के पार
जाना चाहता हू .

मेरी छोटी सी चाहत ही
मेरी जिंदगी है ,
मैं जिंदगी को जी भर के
जी लेना चाहता हू .

इस राह मे फिर मुझे
गम मिले या आसू ,
कोई परवाह नहीं .
हर गम और आसू को
पी जाना चाहता हू .

मै खुद को जलाना चाहता हू .
दुनिया की भीर में खो जाना चाहता हू .
मुझे नफरत है आसुओ से
हर किसी के ओठो पर
मुस्कराहट लाना चाहता हू .

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